...

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स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
नियति द्वारा निर्धारित मिलन
माँ गौरा ने किया त्याग और तप
और पाया प्रभु शम्भू का संग,
प्रतिक्षा करना ही था भाग्य
मिलन पश्चात वियोग हुआ
ये था जगत माता और पिता का दुर्भाग्य..
वियोग पूर्व, प्रेम!
प्रेम पूर्व, त्याग!
त्याग पूर्व, तपस्या!
प्रेम की परीक्षा थी या प्रतिज्ञा!


© weirdo