बिछड़न🚃....!
दिल गुमनाम है
दिलदार खो गई है कहीं,
ए -राही ----
क्या तुमने देखा है
मेरे दिलदार को,
गोरे मुखरे पे
बड़ी बड़ी आंखें,
होटों पे ---
लाली लगाए हुए,
मेरे दिल के
अरमानों का अहसास
बहुत दूर जा रहा है ----
आखिर क्यों,
ए चांद...
तुम भी तो कुछ कहो
ए सितारों....
तुम भी तो कुछ बोलो,
क्या चांद,
तुम भी अपनी धुन में
मस्त हो, क्या
तुम्हें चंदा प्यारी नहीं....?
दिलदार खो गई है कहीं,
ए -राही ----
क्या तुमने देखा है
मेरे दिलदार को,
गोरे मुखरे पे
बड़ी बड़ी आंखें,
होटों पे ---
लाली लगाए हुए,
मेरे दिल के
अरमानों का अहसास
बहुत दूर जा रहा है ----
आखिर क्यों,
ए चांद...
तुम भी तो कुछ कहो
ए सितारों....
तुम भी तो कुछ बोलो,
क्या चांद,
तुम भी अपनी धुन में
मस्त हो, क्या
तुम्हें चंदा प्यारी नहीं....?