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मेरे राम
भंवर में मैं फसी हूं करो मेरा निदान,
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
कोई न है मेरा इस जगत में
तू ही तो हैं मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
अंधेरा है ये घना दिखाई दे रहा कुछ न
अपने इस बालक को पार करो मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम
चारों तरफ है छलावा
क्यों नहीं तेरा मुझे बुलावा
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
हम बच्चे हैं तेरे तू ही हमारी समस्या जान
फिर क्यों बैठा तू अनजान
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
मेरा सर सहला दे
मेरे लिए क्या अच्छा है तू ही सब जाने
तेरे भरोसे बैठा हूं मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी —
© Ankita
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
कोई न है मेरा इस जगत में
तू ही तो हैं मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
अंधेरा है ये घना दिखाई दे रहा कुछ न
अपने इस बालक को पार करो मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम
चारों तरफ है छलावा
क्यों नहीं तेरा मुझे बुलावा
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
हम बच्चे हैं तेरे तू ही हमारी समस्या जान
फिर क्यों बैठा तू अनजान
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
मेरा सर सहला दे
मेरे लिए क्या अच्छा है तू ही सब जाने
तेरे भरोसे बैठा हूं मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी —
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