जाने कहाँ गये वो दिन
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थे.
पापा मम्मी ऑफिस जाते
दादा दादी मंदिर जाते
हमें पार्क में ले जाते थे
जमाना हो गया पहने यूनिफॉर्म
छोटे हो गये जूते मौजे
हम भी स्कूल जाते थे.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें.
आइसक्रीम टाफी चाट पकौड़ी
हर संडे पिकनिक मनाते थे
मेले का तो क्या ही पूछो
हर महीने झूले आतें थें.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें.
परीक्षा खत्म होने से पहले
सबके टिकिट बुक हो जाते थे
नाना मामा के घर जाकर
गर्मीयाँ वही बिताते थे.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें
लुकाछिपी हो या गिल्ली डंडा
गलियों में शोर मचाते थे
शाम होतें ही उठाके बस्ता
ट्यूशन पढने जातें थे.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें
कोरोना की लहरों में डूबें
कैद हो गया मेरा बचपन
हाथजोड़कर करू प्रार्थना
लौट आयेगे मेरे वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें!!
✍ranu
© All Rights Reserved
जब हम भी धूम मचाते थे.
पापा मम्मी ऑफिस जाते
दादा दादी मंदिर जाते
हमें पार्क में ले जाते थे
जमाना हो गया पहने यूनिफॉर्म
छोटे हो गये जूते मौजे
हम भी स्कूल जाते थे.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें.
आइसक्रीम टाफी चाट पकौड़ी
हर संडे पिकनिक मनाते थे
मेले का तो क्या ही पूछो
हर महीने झूले आतें थें.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें.
परीक्षा खत्म होने से पहले
सबके टिकिट बुक हो जाते थे
नाना मामा के घर जाकर
गर्मीयाँ वही बिताते थे.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें
लुकाछिपी हो या गिल्ली डंडा
गलियों में शोर मचाते थे
शाम होतें ही उठाके बस्ता
ट्यूशन पढने जातें थे.
जाने कहाँ गये वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें
कोरोना की लहरों में डूबें
कैद हो गया मेरा बचपन
हाथजोड़कर करू प्रार्थना
लौट आयेगे मेरे वो दिन
जब हम भी धूम मचाते थें!!
✍ranu
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