chah रहीं hun...बस itna❤
चाह नहीं मुझे .....
तुम रोज घूमाने ले जाओ,
चाह नहीं तुम ,नित नये,
रोज उपहार ले आओ!
चाह नहीं कि मेरे लिए,
रोज मधुर तराने सुनाओ
चाह रहीं हूँ... बस इतना!
कभी मैं जो रूठ जाऊँ,
तो तुम मुझे मनाओ!
कभी मन उदास हो मेरा
थाम लो तुम हाथ मेरा,
लगाकर गले बोल दो
मैं हूँ ना....
चाह रही हूँ मैं इतना!
जीवन में साथ रहेगें सदा!
✍ranu
© All Rights Reserved
तुम रोज घूमाने ले जाओ,
चाह नहीं तुम ,नित नये,
रोज उपहार ले आओ!
चाह नहीं कि मेरे लिए,
रोज मधुर तराने सुनाओ
चाह रहीं हूँ... बस इतना!
कभी मैं जो रूठ जाऊँ,
तो तुम मुझे मनाओ!
कभी मन उदास हो मेरा
थाम लो तुम हाथ मेरा,
लगाकर गले बोल दो
मैं हूँ ना....
चाह रही हूँ मैं इतना!
जीवन में साथ रहेगें सदा!
✍ranu
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