...

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उर
#एकस्वरकविता
मन के बारे क्या कुछ हे।
मन के अन्त: सब कुछ है।
मन चंचलता कि डोर, मन विचलित भंडार है।
मन सर्वशक्ती मन ग़म से भरी आंख है।
मन शरीर गुरु मन मतवाला है।
मन के बारे क्या कुछ हे ।
मन के अन्त: सब कुछ है।
मन दृढ़ पत्थर मन कोमल फूल है।
मन हठी हमीर मन विनम्र यीशु है।
मन हिटलर मन तथागत बुद्ध है।
मन सहयोगी समन्दर मन इनकार का घड़ा है।
मन आत्मविश्वास मन अहंकार का पहाड़ है।
मन गुरुर से भरा मन अंधविश्वासी पुजारी है।
मन के बारे क्या कुछ हे।
मन के अन्त: सब कुछ है ।
मन ऊधम मन अधम है।
मन अंधकार मन उजाला है।
मन आत्मा मन प्रेम है।
मन के बारे क्या कुछ हे।
मन के अन्त: सब कुछ है।
© luckywords.