चांद से रिश्ता पुराना
चांद से मेरा रिश्ता हैं पुराना,
जब मैंने पहली बार दुनिया को था जाना।
कोई नहीं था मेरे पास,
तब तूही था सिर्फ़ एक मेरी आस।
घंटों मैं निहारू तेरी छवि,
तुझे देख कर मैं बनी कवि।
दुख दर्द सब तुमने मेरा सुना,
तुम्ही से मैंने शांत रहना जाना ।
—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी –
© Anki
जब मैंने पहली बार दुनिया को था जाना।
कोई नहीं था मेरे पास,
तब तूही था सिर्फ़ एक मेरी आस।
घंटों मैं निहारू तेरी छवि,
तुझे देख कर मैं बनी कवि।
दुख दर्द सब तुमने मेरा सुना,
तुम्ही से मैंने शांत रहना जाना ।
—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी –
© Anki