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मेरा इश्क़ हो तुम
मेरा इश्क़ हो तुम
मेरी कब्जाई जमीन का
जैसे हिस्सा हो तुम
मेरा इश्क़ हो तुम,
तुम्हे खोने से डरता हूँ
तुम्हारे नाम लिखी
मैं कोई विरासत
जब भी मन करे
तुम छोड़ जाओ
और फिर लौट आओ
देखने हूँ तेरा या नही
के अब तक मैं
मुँह फेरा या नही
यहीं मिलूँगा ए - हसीन
मेरे रूह का पुर्जा हो तुम
मेरा इश्क़ हो तुम
© Karan
मेरी कब्जाई जमीन का
जैसे हिस्सा हो तुम
मेरा इश्क़ हो तुम,
तुम्हे खोने से डरता हूँ
तुम्हारे नाम लिखी
मैं कोई विरासत
जब भी मन करे
तुम छोड़ जाओ
और फिर लौट आओ
देखने हूँ तेरा या नही
के अब तक मैं
मुँह फेरा या नही
यहीं मिलूँगा ए - हसीन
मेरे रूह का पुर्जा हो तुम
मेरा इश्क़ हो तुम
© Karan
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