...

17 views

यादों का सफ़र
अपने पुराने दोस्तों की भी खबर लो
जो छुप रहें थे कभी आज छुट गये है
यादों की उधारी में, खुद से ही लुट गये हैं

पन्ने थे कभी ख्वाइशों से भरे, हम सबके
जो आशिक़ थे, उनकी सिकस्त होगयी
जो बस अयासी में लगे, अब टुट गये है

खाली है अब मंज़िल का रास्ता,
मुसफिरे सब मोहब्बत के असियाँ पे रुके है
बाकी के कहानी, तस्बीरौं में कैद हूए है..
© wingedwriter