...

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अधूरी सी बात...
उसके चूड़ियों की खनक
उसके पायलों की छनक
उसकी निगाहों का निहारना
उसके अधरों की बेताबियाँ
उसकी वो अनकही सी बातें
उसके वो सिमटते से जज़्बात
उसका मुझे बाहों में भर लेना
उसका मेरे बालों में उँगलियाँ फिराना
रूठ जाने पर बार बार मनाना
मेरे गुस्से पर उसका आँसू बहाना
वो हर बार बस मेरी हामी का इंतज़ार
मेरे इनकार में छुपा हुआ प्यार

आज भी सीने में एक दर्द सा उठ जाता है
यादों का एक झोंका जैसे गुजर सा जाता है
ख़ुदा से गुज़ारिश करता हूँ उस पल के लौट आने की
झूठा ही सही एक बार उस ज़िन्दगानी को जी जाने की

वो पल जो लौट के नही आते
वो रिश्ते जो भुलाने से भी नही भुलाते
आज भी उस रिश्ते को निभाने का जी चाहता है
आज भी उस पल में गुम जाने को जी चाहता है
लेकिन अब ज़िम्मेदारियाँ कहीं रोक लेती हैं
मेरे अनकहे जज़्बातों को समेट लेती हैं
बीती बात याद आने पर लम्हों को यूँ मिल लेते हैं
थोड़ा सा जी तो थोड़ा सा मर लेते हैं....

#निखिल
🙏🙏🙏

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