...

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तुम सुबह तुम साम हो
तुम सुबह तुम साम हो
तुम जिंदगी का मुकाम हो
तुम्हें कैसे कह दूं अलविदा
तुम मेरी धड़कन तुम मेरी जान हो
तुम सुबह तुम,,,,,,

तुम सीता तुम राम हो
मेरे जीवन की चढ़ती सीधी मुकाम हो
जानती हो तुम, हां तुम
मेरे कर्म फल समान हो
तुम सुबह तुम,,,,,,

तुम्हें कैसे बोलूं बाय-बाय
तुम मेरे लिए ऑक्सीजन समान हो
तुम्हारी दिल में तस्वीर
सर कि मुकुट समान हो
तुम सुबह तुम,,,,,,

तुम जान , ओ जान हो
तुम मेरी मुस्कान हो
छाई रहती तुम बादलों की धटा सी
तुम मोर🦚 समान हो
तुम सुबह तुम,,,,,,

संदीप कुमार अररिया बिहार
© Sandeep Kumar