मेरे जानां
बहुत ख़ामोश होकर मैं
तुम्हे तकती हूँ कुछ ऐसे
कि जैसे तुम
मेरे ना हो
कि मुझसे तुम
जुदा से हो
ना जाने क्यूं
मेरे जानां
मुझे डर ऐसा लगता है
ना जाने क्यूं
मेरे हमदम ...
तुम्हे तकती हूँ कुछ ऐसे
कि जैसे तुम
मेरे ना हो
कि मुझसे तुम
जुदा से हो
ना जाने क्यूं
मेरे जानां
मुझे डर ऐसा लगता है
ना जाने क्यूं
मेरे हमदम ...