...

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ख़्वाहिशों के गर्भ में पलता रहा प्रेम...
ख़्वाहिशों के गर्भ में पलता रहा प्रेम..

कभी तुम्हारे माथे के चुंबन में..
कभी मेरी आँखों के कोरों में..
और कभी
मेरे काँधे पर बेजान तिल को
चूम कर उस में रूह फूंकने वाले
तुम्हारे होठों में...

" Raag "
#raagquotes #PoeticEra
© Dreamasingh