...

9 views

कॉफी…..तुम्हारे नाम की
दुरियाँ यें बर्दाश्त नहीं होती
तुम्हारी मुस्कान नजर नहीं आती
माना कि व्यस्तता अधिक होगी
पर क्या मेरी याद भी तुम्हें नहीं आती ?

चलो शिकवे गीले को हम छोडते है
दूर ही सही पर ये तो कर ही सकते है
तूम वहाँ और मैं यहाँ ऐसा करते हैं
एक ही समय पर हम कॉफी पिते है
© ख़यालों में रमता जोगी