...

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स्त्री के बोल
भार्या हूं पर भार नहीं
नारी हूं नाराज नहीं
मां हूं मोहताज नहीं
स्त्री हूं कोई वस्त्र नहीं
में शक्ति हूं कोई शस्त्र नहीं
मैं प्यार हूं कोई दरार नहीं
मैं फूल हूं कोई शूल नहीं
में सृष्टि का आधार हूं निराधार नही
में संस्कार हूं कोई विकार नहीं
मैं तेज हूं तर्रार नहीं
में गृहणी हू कोई ग्रहण नहीं ।।