शहर की रंगीनियां
#शहरीदृश्यकाव्य
गाँव से दूर,
शहरी आबो हवा में हुजूर।
चल बितायें,
शहर की "रंगीनियों" में खो जायें।
है शोरगुल,
लगे वीराने का मिटा कुल।
रहे...
गाँव से दूर,
शहरी आबो हवा में हुजूर।
चल बितायें,
शहर की "रंगीनियों" में खो जायें।
है शोरगुल,
लगे वीराने का मिटा कुल।
रहे...