...

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ऐसी ही हूं मैं....
कहीं पर सब्र करती हूं
कहीं पर बोल जाती हूं
जहां मेरी शरारतों से
किसी को तकलीफ हो
वहां अक्सर खामोश
हो जाती हूं ...!!!

जिसको अपना समझती हूं
वहां मनमानियां करती हूं
हां गुस्से की थोड़ी तेज हूं,
चंचल हूं, शरारती हूं ...