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मेरा पन्ना मेरे जज़्बात............✍🏻
मेरा पन्ना मेरे जज़्बात समेट कर रखता है
हर अल्फ़ाज़ में हालात समेट कर रखता है
अधूरे शब्दों के साथ मन की बातें समेटा है
एहसासों की मुलाक़ात समेट कर रखता है

मेरा पन्ना कुछ इश्क़ की दास्तां को समेटा है
सच्चे झूठे रिश्ते का साथ समेट कर रखता है
तमाम ज़ख़्म स्याही में रंगकर पन्नें पे उतरे है
यूं ही नहीं तमाम औक़ात समेट कर रखता है

चेहरे के हाव भाव को लफ़्ज़ों ने ऐसे समेटा है
आज प्रश्नों में उलझी रात समेट कर रखता है
मेरा पन्ना तमाम हसरतों के बहाने संजोया है
हाय! कैसी कैसी आफ़ात समेट कर रखता है

मेरा पन्ना कोरे ख़त के इशारों को यूं समेटा है
गुजरते लम्हों को दिन-रात समेट कर रखता है
कुछ इस कदर मोहब्बत की रंगत को सजाया है
पन्नों में ज़ज्बातों की सौग़ात समेट कर रखता है

इज़हार इंतज़ार के साथ साथ इंकार को समेटा है
बदलते हुई फितरतों को ये बात समेट कर रखता है
आज कल के अल्फ़ाजों में अधूरी कसक दिखती है
पन्नों पे बिखरी बिखरी मुलाक़ात समेट कर रखता है

© Ritu Yadav
@My_Word_My_Quotes