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"vo aaj bhi vesi hi he"
दूर से ही उसके कदमों की,
मेने आहट सुनी थी....
वो जुल्फें उसिकी खुली हुई थी,
तभितो हवाएं महकी सी थी.....
ज़माने गुज़र गए,
उससे मुलाक़ात किए..
पर आज भी उसकी धड़कने,
थोड़ी सन-सनाई सी थी...
ये आंखें जब मिली उससे,
तो वो थोड़ी सरमाई सी थी.....
यूं तो अक्सर होता था,,
उससे नज़रें मिलते ही,
थोड़ी नज़रें भी कप-कपाई थी......
खुदा कसम इशारों की खता,
आज भी वो वेसे ही मुस्कुराईं थी....
बस थोड़ा वक़्त खफा था मुझसे,,
वरना दिल्लगी तो आज भी वही थी....
मेने आहट सुनी थी....
वो जुल्फें उसिकी खुली हुई थी,
तभितो हवाएं महकी सी थी.....
ज़माने गुज़र गए,
उससे मुलाक़ात किए..
पर आज भी उसकी धड़कने,
थोड़ी सन-सनाई सी थी...
ये आंखें जब मिली उससे,
तो वो थोड़ी सरमाई सी थी.....
यूं तो अक्सर होता था,,
उससे नज़रें मिलते ही,
थोड़ी नज़रें भी कप-कपाई थी......
खुदा कसम इशारों की खता,
आज भी वो वेसे ही मुस्कुराईं थी....
बस थोड़ा वक़्त खफा था मुझसे,,
वरना दिल्लगी तो आज भी वही थी....
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