मसरूफियत
मिलती नहीं है फ़ुर्सत तुजे तेरे
काम से, में करती रहती हूं इंतज़ार
तेरा हर ढ़लती शाम से।...
काम से, में करती रहती हूं इंतज़ार
तेरा हर ढ़लती शाम से।...