...

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थोड़ा थोड़ा
थोड़ा थोड़ा था सब कुछ ज़िन्दगी में,
एक पल में कुछ सब कुछ हो गया और कुछ कुछ ना रहा।
प्यार ज़्यादा गुस्सा थोड़ा सा था मगर,
मुझे मानना था और उसे मनाना था मगर।
सब कुछ था वो मेरा सब कुछ था मैं उसका,
सब कुछ संभालते संभालते कुछ भी ना रहा।
थोड़ा थोड़ा था सब कुछ ज़िन्दगी में,
एक पल में कुछ सब कुछ हो गया और कुछ कुछ ना रहा।
@Kaku007
© Kaku Pahari