...

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नूतन वर्ष
#गिनतीकीगूंज
सुख दुःख आते जाते हैं
साल बदलते जाते हैं
वक़्त अविरल बहता रहता
प्रकृति का नियम परिवर्तन रहता
कभी आशा कभी निराशा दामन पकड़ती
इंसान की मति कुछ सीखती आगे बढ़ती
यही धर्म कर्म हमारा कहलाता
वक्त कभी न एक सा रहता
खट्टी मिठी यादों की पोटली रहती
हर पल इंसानियत...