...

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इश्क-ए-सफ़र
इश्क़-ए-सफऱ है तू मेरा जिसकी मैैैं मुसाफिर हूूूं ,
सफ़र भी खूबसूरत हो गया जब पता चला
मंज़िल इसकी तू ही है!
ये दिल तेरी आंखों का कामिल हैं,
तू ही तो इस दिल का कातिल हैं!
ना जाने क्यों हैं ये बेचैनी सी इन साँसों में,
हवाओं ने भी इन पर तेरा पहरा लगाया हैं!
सुनो,
आज फिर से एक ख्याल आया है,
उसमें भी तेरा जिक्र आया है!

@prashu92 Thank you so much....For giving me all the happiness of life and for loving me so much...💞💞
I love you very much and I will always love you....💕
© kit🫰