...

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अभी बाकी है
फूलों की मनमानी अभी बाकी है
मौसम की नादानी अभी बाकी है

मैने तो कर दिया इज़हार ए इश्क
तेरी आना कानी अभी बाकी है

चल समेट ले दरिया तू नैनों में
रस्ता रेगिस्तानी अभी बाकी है

हो न उनिंदा सुन किस्सा चांँद का
धूपों की कहानी अभी बाकी है

रात! तू फिरा न कर हवा ओढ़ के
चरागों में जवानी अभी बाकी है

चेहरे का तेरे हर हर्फ पढ़ लिया है
पलकों का ये पानीअभी बाकी है
© manish (मंज़र)