...

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😊 "मेरे शब्द"...✍️
मेरे भीतर के स्वर,
जो मौजूद है यहां,
शब्दों के रूप में,
मेरे दिल की,
आवाज़ बन कर।
मेरे सुख-दुख,
के एहसास।
मेरी खट्टी मीठी यादें।
मेरा जुनून, मेरी आरजू,
मेरा अनुभव, मेरा प्रायश्चित,
सब कुछ तो बसता है इन में मेरा।
जो पढ़ने पर महसूस ज़रुर होगा।
और पता है मुझे एक न एक दिन,
इनका वजूद भी ज़रूर होगा।
और सच कहती हूं,
जिस दिन तुम इन्हें समझ जाओगे,
उस दिन ज़रूर गले मुझे लगाना चाहोगे।
पर ... उस दिन अफ़सोस के सिवा,
पास तुम्हारे कुछ न होगा।

© सिया भारती