...

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रजस्वला......🙏
तुम अपवित्र नहीं हो स्त्री....

जिस मासिक चक्र के कारण
मेरा जन्म हुआ....
ईश्वर का जन्म हुआ....
यदि मासिक चक्र की पीड़ा
सहने वाली नारी अपवित्र है....
तो उस अपवित्रता से जन्में
ईश्वर भी अपवित्र हैं....
मैं भी अपवित्र हूँ....
सारी सृष्टि ही अपवित्र है....

तुम अपवित्र नहीं हो स्त्री....

आध्यात्म से नाता नहीं है इसका
जो मंदिरों में नहीं जाती तुम
पूजा पाठ नहीं...