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तुम्हारी यादें


दोनों हाथों से ज़ोर से बंद करने के बाद
नल से टपकते बून्द बून्द
की तरह है तुम्हारी यादें
जो मेरे
हकीकत के फर्श को
अक्सर गीला छोड़ जाती है
मेरे लड़खड़ाने के लिए
इसलिए
अब मैं उन...