रामराज्य आने वाला है
कठोर चुनौतियों को जो
पैरों तले रौंद गया,
सहस्त्रों गालियाँ सहजता से
जो घोंट गया
तनिक नही सिकन आई
चेहरे पे उसके नूर मे
लगन से लगा रहा वो
अपने वतन की शान मे।।
कदम उछाल के रखा है वतन
उस आसमान के चांद पर
गर्व से फूल रहे हम
उस कोतवाल के कर्म पर ।
क्या था कोई ईससे पहले जो
फिर से सनातन जगाया हो ??
कोई नही आया अभी तक ,
जिसने हिन्दूओं को उठाया हो ।।
बरसों बाद जो हमारे राम का सत्कार किया
टाट मे जो कर रहे गुजारा
उनको महल प्रदान किया ।।
दुश्मनों की नींदे उडा दी
विश्व के अंबर...
पैरों तले रौंद गया,
सहस्त्रों गालियाँ सहजता से
जो घोंट गया
तनिक नही सिकन आई
चेहरे पे उसके नूर मे
लगन से लगा रहा वो
अपने वतन की शान मे।।
कदम उछाल के रखा है वतन
उस आसमान के चांद पर
गर्व से फूल रहे हम
उस कोतवाल के कर्म पर ।
क्या था कोई ईससे पहले जो
फिर से सनातन जगाया हो ??
कोई नही आया अभी तक ,
जिसने हिन्दूओं को उठाया हो ।।
बरसों बाद जो हमारे राम का सत्कार किया
टाट मे जो कर रहे गुजारा
उनको महल प्रदान किया ।।
दुश्मनों की नींदे उडा दी
विश्व के अंबर...