...

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कहां है तू?
मेरे मन बता कहां है तू?
तुझे ढूंढता हूं तो और दूर हो जाता है
दिलासा देता हूं तो और घबराता है
हर रोज़ तेरा नाटक नया होता है
मुझे बता क्या वहां है तू ?
मेरे मन बता कहां है तू?
जुबां चुप हो तो क्यूं तड़पने लगता है?
किसी को देख कर धड़कने लगता है
वीरान रातों में तेरा बस मैं ही तो हूं
और बस मेरा जहां है तू
मेरे मन बता कहां है तू?
तेरे बिना घर घर नही लगता मुझको अब
सच है कि मेरा मन नही लगता मुझको अब
मेरे हर जवाब का मतलब, समझ, क्या दूं?
मेरी हर ना में हां है तू
मेरे मन बता कहां है तू?
तुझे तोड़कर मैं बना लू कोई माला, क्या?
तुझे जोड़कर मैं पा लूं कोई ज्वाला, क्या?
तेरा मोह, तेरे रिश्ते, तेरी विरह में तन है
मै जल रहा हूं क्या यहां है तू?
मेरे मन बता कहां है तू?

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