चांदनी से भर गया आंगण
चांदनी से भर गया आंगण
जूगनू भरी ये चमकिली रात है
उसमे एक चांद मूझे देखता
हरपल दिन ओर रात है
होते ही नजरोंसे एक नजर लगता है
कितने दिनो बाद ये मूलाकात है
© k. rajshekhar
जूगनू भरी ये चमकिली रात है
उसमे एक चांद मूझे देखता
हरपल दिन ओर रात है
होते ही नजरोंसे एक नजर लगता है
कितने दिनो बाद ये मूलाकात है
© k. rajshekhar
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