...

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🌹प्रेम क्या है 🌹
कृष्ण कहते हैं .......... मैं प्रेम हूँ मुझसे ही प्रेम है
प्रेम में दर्द है तो प्रेम ही दवा है
प्रेम बेक़रारी है तो राहत भी प्रेम है
प्रेम में बेचैनी है तो सुकून भी है
प्रेम बिना जीवन क्या है
सबकुछ तो प्रेम से ही है
कृष्ण राधे में हैं तो राधे कृष्ण में हैं
दोनों एक ही हैं दिखते सबको अलग हैं
प्रेम में विरह है पर राधेकृष्ण एक हैं