... बीते लम्हे
........ बीते लम्हे.......
खोली जब आज कुछ पुरानी चिट्ठियां
जिनमे महफिल बीते लम्हों को सजाई थी
मानो वक्त की इजाजत थी
लम्हों ने की हमारी हिफाजत थी
उगता हुआ सूरज,
और ढलती शाम देखकर,
मुस्कुराए थे
जीवन के कुछ हसीन पल ,
संग हमने...
खोली जब आज कुछ पुरानी चिट्ठियां
जिनमे महफिल बीते लम्हों को सजाई थी
मानो वक्त की इजाजत थी
लम्हों ने की हमारी हिफाजत थी
उगता हुआ सूरज,
और ढलती शाम देखकर,
मुस्कुराए थे
जीवन के कुछ हसीन पल ,
संग हमने...