...

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बहुत चोट खाई है
बहुत चोट खाई है दिल ने,
आँसूओं से रंगी है रातें।
खुद से लड़ा, खुद से हारा,
अब तन्हाई से है ये मुलाकातें।

दर्द के रास्ते चलते-चलते,
खो गई है खुशियों की राहें।
आँखों में छुपी हैं अनगिनत ख्वाहिशें,
जो लहू बनकर बहती हैं सब रातें।

जज़्बातों का सफर है ये,
कितने अल्फ़ाज़ समेटे हैं रुह की छाँहों में।
पर दिल की गहराइयों में छुपी हुई,
एक नयी कहानी है जो बूँदों की बरसातें।
© Simrans