...

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वक़्त का मारा परिंदा 💫⚡🤟
मन में एक ज्वार उफान पर है..
सबकुछ मेरी आत्मा से परे है..
दिमाग में एक अजीब सी शिकन है..
दिल की घबराहट उससे भी बेनकाब है..
ख़ामोशी की मद होशी में..
अजीबोगरीब शिकन में..
कहीं गुमशुदा होकर मैं..
खुद खो गई कहीं मैं..
तलाश रही हूँ खुद को खुद में..
उलझती जा रही हूँ उलझनों में..
सुलगती जिंदगी में..
कुछ तो आग लगा बैठी मैं..
कुछ दुनिया की नजरां में तमाशा बना...