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जुनून
#जुनून

जान ना पाए
समझ ना पाई
वक्त की मांग क्या थी
क्या बन गई मैं
मैं क्या थी
मैं क्या हो गई अबमैं
कुछ सपने को सच करने
निकल पड़ी एक नए सफर में
अपनो को छोड़
अपना सफ़र शुरू कर
अनोखा सा
जूनून ऐसा सवार हुआ
कि अब तक चल रही हू पता नहीं कब धूप से छाव मिलेगा पर ,
अब जब तक सफल न हो तब तक लौट न जाना है ।।

कैसा भी हो
कैसा भी बीते
यह कैसा भी आगे होगा
बस बढ़ते ही बढ़ते जाना है
अपना बढ़िया प्रयास करना है

एक जुनून लेकर आई हूं
और जुनून लेकर जाऊंगी
सभी में कुछ भर जाउंगी
ऐसा की याद करेगी मेरे जाने के बाद भी
तू मेरे जैसा बनने की कोशिश करेंगे
अपनों के लिए जान कुछ भी कर जाने कि रखती हूं
तो दूसरों के लिए सहायता करने के लिए भी आगे आती हूं
मेरा सपना ही मेरा जुनून था
और मेरा परिवार ही मेरी खुशी
जान ना पाए
यह कैसा जुनून था
कि जो मैंने देखा
जो मैंने सोचा
जो मैंने पल पल अपने सपनों में जागते उठते बैठते देखा
आज वही में हासिल करने निकल पड़ी हू
एक नए सफर पर
जान ना सके यह कैसा जुनून है
मेरे अंदर निवास कर रहा है
बस हासिल करना ही अब मेरा एक मकसद रह गया ।

जुनून यह कैसा है कि जब तक पूरा कोशिश कर
मिल नहीं जाता मंजिल हैं अपना
तब तक चैन की नींद कहां नसीब हो
कि मुझे उन सभी को जिन्होंने मुझ पर यकीन किया
उन्हें मुझे अपना कार्य सिद्ध कर दिखाना है
जुनून कैसा है दिखाना है
जुनून कुछ हासिल कर दिखाने कि
अपना सफ़र शुरू कर
पूरा कर दिखाने कि ओर बढ़े चली हो
जुनून

बबिता कुमारी