तुम्हारा साथ मिला होता।
मेरे चेहरे पर खूब खुशियां खिला होता।
अगर नसीब का साथ मुझे मिला होता।
ये सफलता चूमती मेरी भी दहलीज को!
अगर असफलता का न सिलसिला होता।
भर जाता मेरा भी दामन खुशियों से अगर!
किसी को भी मूझसे ना कोई गिला होता।
आबाद रहता मेरे इस दिल का शहर भी!
अगर जीवन में तुम्हारा साथ मिला होता।
ना डर होता ना गम होता ना भरम होता!
तू होता फ़िर खुशियों का काफिला होता।
© महज़
अगर नसीब का साथ मुझे मिला होता।
ये सफलता चूमती मेरी भी दहलीज को!
अगर असफलता का न सिलसिला होता।
भर जाता मेरा भी दामन खुशियों से अगर!
किसी को भी मूझसे ना कोई गिला होता।
आबाद रहता मेरे इस दिल का शहर भी!
अगर जीवन में तुम्हारा साथ मिला होता।
ना डर होता ना गम होता ना भरम होता!
तू होता फ़िर खुशियों का काफिला होता।
© महज़
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