"तस्वीर"
वो तस्वीर जिसमें संग थे हम-तुम,
उस तस्वीर को तुम
बिगाड़ना
मत,
बातों में ज़हर, हाथों में खंज़र, आँखों में
तेज़ाब की बोतलें लेकर मुझसे मिलने आना मत !
इंसान ही रहना, रहना जब तक
इंसानियत के बदन पर देकर घाव, ज़िंदा कहलाना मत
करें नफ़रत आने वाली पीढ़ियाँ नाम से प्रेम के,
ऐसा कुछ कभी भी कर जाना मत
था कद्र बहुत जब तुम मेरे हुआ करते थे,
करना पड़ जाए घोषित तुम्हें
गुनहगार,
राह...
उस तस्वीर को तुम
बिगाड़ना
मत,
बातों में ज़हर, हाथों में खंज़र, आँखों में
तेज़ाब की बोतलें लेकर मुझसे मिलने आना मत !
इंसान ही रहना, रहना जब तक
इंसानियत के बदन पर देकर घाव, ज़िंदा कहलाना मत
करें नफ़रत आने वाली पीढ़ियाँ नाम से प्रेम के,
ऐसा कुछ कभी भी कर जाना मत
था कद्र बहुत जब तुम मेरे हुआ करते थे,
करना पड़ जाए घोषित तुम्हें
गुनहगार,
राह...