प्रेम ✍️✍️✍️
वो मुस्कुराकर मेरी नजरों के सामने से कुछ ऐसे निकले !
चाहतों के दिए सपनों के पौधों से अंकुर बनकर निकले !
क्या ही कहूं की हाल क्या था उस पल में मेरे दिल का !
लाखो अरमान पल भर में मेरे दिल से उनके दिल तलक पिघले !
ऐसा नहीं है की वो पिटारी...
चाहतों के दिए सपनों के पौधों से अंकुर बनकर निकले !
क्या ही कहूं की हाल क्या था उस पल में मेरे दिल का !
लाखो अरमान पल भर में मेरे दिल से उनके दिल तलक पिघले !
ऐसा नहीं है की वो पिटारी...