...

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अलविदा
जा रहा हूं सीमा पर
नई नवेली सीमा को छोड़कर
मातृभूमि को बचाने
सारे बंधन तोड़कर
पता नही लौटूंगा भी
तुम राह मेरी तकना
गर मैं कफ़न में लिपटा आऊं
फख्र बहुत करना
माना चूड़ियां तेरी रंग बिरंगी है
हिना की लाली सुर्ख दिख रही है
जवान दिलों में नई नई सी लहर चल रही
सतरंगी सपने लेकर आंखें ठहर रही
मातृभूमि पर मर मिटने का दिन भी तो आया है
वीरों की पत्नी बनने का सौभाग्य तूने पाया है
चल उठ टीका कर मेरा
हर वचन मुझे निभाना है
भारत मां पर शीश वारने
जल्दी से मुझे जाना है
कुम्हलाए कुमकुम नहीं नई नई अभी यारी है
हे प्रीतम मैं क्यों रोकूं वीरों की अभी तो बारी है
चिंता मत करना लहू से अपने लिख देना इतिहास
ताउम्र तेरी राह ताकूंगी मन में रख विश्वास
© Abhi