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अभिशाप से मिला मोक्ष वरदान।। तपस्विनी।।भाग१
और इस गाथा का अन्त ऐसे हुआ कि जब वो वैशया थी तो अनजाने में ही सही मगर वो उसका सहायक मार्गदर्शन किया था, और आज जब वो भाग्य से मार्ग भटककर एक मुजरिम बन अपराध कर रहा पाया गया है तो आज़ वहीं अभारिका प्रेम के साथ और अपराध के विरोध जाकर संगघारिका बन उसका नाश कर कल्याणवी प्रतिभा बन कर एक नया पैगाम दे रही है ,बाद में फिर वो भी किसी घटना वर्ष अपने प्राण त्याग कर अपना सर्वस्व श्रीकृष्णनम् कालचक्रम् अर्पणि तथा सा किन्नर कल्याणवी मूर्ति श्रीकृष्ण संग मंदिर में स्थापित करवाई जाती है, और फिर उस मंदिर की यह मान्यता हो जाती है,कि जो श्रीकृष्ण से पहले उनकी नायिका के उस स्मारग के अलौकिक दर्शन करेगा उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। और वह कालचक्रम् मुक्ताह कर्म समाप्त होकर प्रेम स्मारक बैठकुन्धाम मोक्ष फलम् योग्यता भवतानि।।
नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण 🩸♥️🌹🙏
#अधूरी
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