मेरा प्यार ख़ुद से
मेरे दिल में क्या है ऐसा जिसे फिर से जगाऊं,
उन यादों की सूनी राहों पे फिर से क्यों जाऊं.
कई दिन गए, कई चांद सूरज उन राहों पे चढ़े,
जब थक चुके हैं पांव मेरे, तो क्यों इन्हें उठाऊँ.
हां, मानता हूं चलना ही है ज़िंदगी सबके लिए,
पर इस...
उन यादों की सूनी राहों पे फिर से क्यों जाऊं.
कई दिन गए, कई चांद सूरज उन राहों पे चढ़े,
जब थक चुके हैं पांव मेरे, तो क्यों इन्हें उठाऊँ.
हां, मानता हूं चलना ही है ज़िंदगी सबके लिए,
पर इस...