मुर्दे में दम
किसमें दम, मुँह पर बुराई कौन करेगा?
क्या फर्क़ पड़ता है, कौन क्या कहेगा?
वो मेरे अमन को मेरी मौत समझ बैठे हैं,
बता दूँ, मेरे मुर्दे में भी बहोत दम रहेगा।
© Poetryhub4u
क्या फर्क़ पड़ता है, कौन क्या कहेगा?
वो मेरे अमन को मेरी मौत समझ बैठे हैं,
बता दूँ, मेरे मुर्दे में भी बहोत दम रहेगा।
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