...

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कहानी
कभी दादी और दादी की,
कभी नाना और नानी की,
कहानी बोर करती है,
हमें अब उस ज़माने की ।
ज़माना है नया अपना,
कहानी हम बनाएँगे,
कभी फ़ुरसत हो आ जाना,
कहानी हम सुनाएँगे॥
© drajaysharma_yayaver