...

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Life
हम चाहते थे खुशियाँ
हम चाहते थे मोहब्बत,
पर कमबख्त ये जिन्दगी थी ऐसी
कि उम्मीद तोड गई।

हम खड़े थे उम्मीद के सहारे
ये हिली तो हिली हमे भी हिला गई।

क्या हमारे नसीब मे नही थी ये
या हमने ही नसीब को मिटा दिया।

हमे भी चहिये थे वो पल
जिसमे थे अपने,
हमे भी चहिये थे वो पल
जिसमे थी खुशियाँ सारी।

क्यो छिन लिया इस जिन्दगी ने ये सब
क्या हम अपनो के लायक नही।

हम भी थे लायक
पर ये समझ न पाई,
हम भी थे प्यार के हकदार
पर ये दे न पाई।

हम बोल रहे थे उसे
हम बोल रहे थे उसे
पर मै भूल गई थी,
कि वो कान बंद किये खड़ी थी।।