कहते, ,
कब कहते है दरख़्त किसी से रुकने की
पत्ते तो खुद ही गिर जाया करते
हरे भरे हो या हो फिर सूखे से
गिरने पर...
पत्ते तो खुद ही गिर जाया करते
हरे भरे हो या हो फिर सूखे से
गिरने पर...