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प्रेम ...
"प्रेम"
पाने के
सफर में लग
भी जाती हैं चोट
अक्सर विरह का दर्द है
मिलन की आतुरता भी है
मन को भरमाने वाले कुछ
अदाकार हैं, लंबी अंधेरी रात है
परंतु
सफर की थकान ,दर्द ओ रंजिश
का नामो निशान नहीं मिलता
मरहम उनकी आंखों का
सहलाता है हर ज़ख्म
मुस्कुराता है हर पल
जब मिल
जाता है
"प्रेम"
© Poeत्रीباز
पाने के
सफर में लग
भी जाती हैं चोट
अक्सर विरह का दर्द है
मिलन की आतुरता भी है
मन को भरमाने वाले कुछ
अदाकार हैं, लंबी अंधेरी रात है
परंतु
सफर की थकान ,दर्द ओ रंजिश
का नामो निशान नहीं मिलता
मरहम उनकी आंखों का
सहलाता है हर ज़ख्म
मुस्कुराता है हर पल
जब मिल
जाता है
"प्रेम"
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