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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम
मर्यादा में ही कायदा
रिश्तों को सहेजने के लिये
चलना है गर दूर तक
रिश्तों की गरिमा बनी रहे
इसलिए मर्यादा पुरुषोत्तम
चले रहे
जीवन पथ पर डटे रहे
मानव से महामानव
यूं ही नहीं बने
मर्यादा में रह कर
सबके खास बने रहे
मर्यादा से रिश्तों में मिठास रहे
दूर रह कर भी हर कोई पास रहे

© k.s