जब नहीं रहूँगी..
जब नहीं रहूँगी तो हर जगह ढूँढोगे
जो आज कदर नहीं तो ना सही जानां...
कभी छुपाओगे मुँह हाथों में
कभी चाहोगे चिल्लाना..
कभी पटकोगे सिर दीवारों से
कभी मेरे बग़ैर तन्हा रो दोगे..
जो पूछोगे हाल गैरों से कभी
याद आएगा मेरा आँचल में भर लेना..
कभी...
जो आज कदर नहीं तो ना सही जानां...
कभी छुपाओगे मुँह हाथों में
कभी चाहोगे चिल्लाना..
कभी पटकोगे सिर दीवारों से
कभी मेरे बग़ैर तन्हा रो दोगे..
जो पूछोगे हाल गैरों से कभी
याद आएगा मेरा आँचल में भर लेना..
कभी...