...

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तुम पास आने दो न
करके दूरियां सभी से इस दिल की
ख्वाहिश है तुम्हारी
तुम पास आने दो न,

न चाहत है दुनिया को देखने की कोई
मैं बस तुमको ही देखूं इतनी इजाज़त दो न,

बसा हूँ दुनिया में ग़मों की मैं कबसे
तुम अपने दिल में थोड़ी जगह दो न,

थक गया हूँ लड़ते लड़ते ज़माने से मैं अब
तुम बाहों में अपनी मुझे आराम दो न,

कंपकंपाते है लब खामोश से मेरे
तुम चुम कर इनको मुस्कुराहटें दो न

© IndoreKeGopal