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तुमने फिर से हमसे बेरुखी दिखाई है।
जितनी भी काजल आखों में लगाई है
सब आखों से बह के गालों पर आई है।
वो आए नही है फिर उसकी यादों से मेरी आखें क्यों भर आई है
हम उसको भूलना चाहते है फिर उसकी बात मेरे लबों पर क्यों आई है।
जम के घटाए घिर के मेरे शहर तो आई है
पर देखो ना उसने भी तुम्हारी तरह बेरुखी ही दिखाई है।
करवट बदल बदल कर ना जाने कितनी रातें जाग कर बिताई है
उस हरजाई को बस सुकूं तो मेरी नींद चुराने में आई है।
#Shalugupta❤️
#Memories#alone#Broken
#Wrtico#Love#Lovers
© Shalu Gupta
सब आखों से बह के गालों पर आई है।
वो आए नही है फिर उसकी यादों से मेरी आखें क्यों भर आई है
हम उसको भूलना चाहते है फिर उसकी बात मेरे लबों पर क्यों आई है।
जम के घटाए घिर के मेरे शहर तो आई है
पर देखो ना उसने भी तुम्हारी तरह बेरुखी ही दिखाई है।
करवट बदल बदल कर ना जाने कितनी रातें जाग कर बिताई है
उस हरजाई को बस सुकूं तो मेरी नींद चुराने में आई है।
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